Neem Karoli Baba Magical Powers: साल 1974 में एप्पल कंपनी शुरू होने के 2 साल पहले एप्पल के फाउंडर्स स्टीव जॉब्स उनके एक दोस्त के साथ इंडिया आए थे नीम करोली बाबा से मिलने. दरअसल स्टीव जॉब्स काफी समय से इंडिया आना चाहते थे हिन्दू धर्म और इंडियन आध्यात्मिकता को सीखने के लिए और यहां आने के बाद उन्हें एक ऐसे बाबा के बारे में पता चला जिनके पास अनोखी शक्तियां है जैसे कि एक ही समय पर एक से अधिक जगह पर मौजूद होना या फिर एक उंगली से छूटकर किसी को भी एक ट्रांस स्टेट में भेज देना जो स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस ने स्वामी विवेकानंद के साथ किया था जिसके बाद स्वामी विवेकानंद पूरी तरीके से एक अलग इंसान बन चुके थे.
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नीम करोली बाबा की अनोखी शक्तियां जानकर आप भी शौक हो जाओगे!
बाबा के बारे में इन सब चीजों को जानने के बाद स्टीव जॉब्स भी डिसाइड करते हैं कि वह भी नीम करोली बाबा से मिलेंगे क्योंकि उस वक्त स्टीव जॉब्स के लिए कुछ खास अच्छा नहीं चल रहा था इसलिए 1974 में स्टीव जॉब्स अपने दोस्त के साथ बाबा के आश्रम में आए लेकिन यहां आने के बाद ही उनको पता चला की बाबा पिछले साल गुजर चुके हैं लेकिन यह सुनने के बावजूद भी उन्होंने डिसाइड किया कि वह वहां पर कुछ वक्त के लिए रहेंगे और फिर उन्होंने काफी समय तक वहां रहकर हिंदू धर्म के बारे में सीखा और ठीक इसके दो साल बाद स्टीव जॉब्स ने एप्पल कंपनी की शुरुआत की.
कौन-कौन है नीम करोली बाबा के भक्त?
नीम करोली बाबा के भक्तों की लिस्ट बहुत ही बड़ी है. स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग, बिलगेट्स जैसे बिजनेसमैन से लेकर हॉलीवुड-बॉलीवुड स्टार्स तक. इस आर्टिकल में नीम करोली बाबा के बारे में कुछ ऐसी बातें बताऊंगा जो आपने शायद पहले कभी सुना नहीं होगा जैसे कि क्यों उन्हें हनुमान जी का अवतार माना जाता था, कैसे वह एक बार एक ही वक्त पर दो शहरों में दिखाई दिए थे और एक मंत्र जो वह अपने हर एक करीबी शिष्यों को देते थे ताकि उनके जिंदगी में भी अच्छे वक्त की शुरुआत हो सके.
नीम करोली बाबा की जादुई शक्तियां
नीम करोली बाबा अपने शुरुआती दिनों में लगभग कई साल हनुमान जी की तपस्या किया करते थे जिसकी वजह से उन्हें हनुमान जी से कई सारी सिद्धियां प्राप्त हुई है. वह एक ऐसे बाबा थे जिनसे आप ना मिलकर भी उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, उनके भक्तों का यह कहना है कि जो लोग अपने अंदर उनसे एक डीप कनेक्शन बना लेते हैं वह उन सब की मदद करते हैं. यहां आप जानेंगे कि इन्होंने ऐसा क्या कर दिया था जिसके बाद से लोग इन्हें हनुमान जी का अवतार मानने लगे लेकिन उससे पहले जानते हैं कि कैसे एक बार नीम करोली बाबा को उनके भक्तों ने एक ही वक्त पर दो जगह में एक साथ दिखाई दिए थे.
Neem Karoli Baba Magical Powers
कई सालों तक कुछ स्पेसिफिक चीजों को लगातार करने पर आपके शरीर में कई सारे मैजिकल चेंज होना शुरू हो जाते हैं, जिसके बाद आपका शरीर कई सारे पावर्स डेवलप करना शुरू कर देता है जिनको हम सिद्धि कहते हैं और नीम करोली बाबा के पास भी ऐसा ही एक सिद्धि था कि वह एक ही समय पर एक से अधिक जगह पर मौजूद हो सकते हैं.
जैसे कि एक बार की बात है जब कानपुर में एक नए हनुमान मंदिर का कंस्ट्रक्शन बस कंप्लीट ही हुआ था तो उसके ऑफिशियल ओपनिंग सेरेमनी में बाबा जी को वहां पर बुलाया गया था लेकिन क्योंकि बाबा उस वक्त इलाहाबाद में थे इसलिए उन्होंने वहां जाने से मना कर दिया. अगले दिन ओपनिंग सेरेमनी की सुबह थी और बाबा जी सुबह उठने के कुछ देर बाद ही कहा कि उनकी तबीयत कुछ सही नहीं लग रही और उन्हें शायद कुछ देर के लिए सो जाना चाहिए और फिर वह इलाहाबाद में ही अपने कमरे में जाकर सो गए, ठीक उसके अगले दिन उनके भक्त जब कानपुर से इलाहाबाद लौटे तब उन्होंने कहा कि सेरेमनी बहुत ही अच्छे से हुई और बाबा की खास वहां पर आए थे इसलिए बाकी सब को भी बहुत अच्छा लगा था और यह बहुत ही चौंकाने वाली बात थी क्योंकि ओपनिंग सेरेमनी के पूरे दिन बाबा अपने इलाहाबाद वाले कमरे में ही बंद थे और अगर वह वहां से आने की कोशिश भी करते फिर भी उनको 10 घंटे बस आने और जाने में लग जाते और उनके भक्तों ने यह भी कहा कि बाबा 7:00 बजे से लेकर 12:00 तक वहीं पर थे, मतलब करीब 5 घंटे वह उसे सेरेमनी में ही थे.
क्या नीम करोली बाबा हनुमान जी के अवतार है?
अब अगली कहानी से आपको पता चलेगा कि क्यों लोग उन्हें हनुमानजी का अवतार मानते थे. उन्होंने ऐसा क्या कर दिया था जिसके बाद से लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार मानने लगे? दरअसल, एक बार बाबा जी अपने आश्रम में बैठे थे तभी उन्होंने अपने एक शिष्य से रामायण का एक पन्ना पढ़ने को कहा, उनके कहने पर उनके शिष्य ने रामायण से अशोक वाटिका वाला फर्श पढ़ना शुरू ही किया था तभी नीम करोली बाबा वह पूरा सीन ऐसे बताने लगे जैसे वह खुद त्रेता युग में अशोक वाटिका पर गए थे और उन्होंने वह सब कुछ अपने ही आंखों से देखा हुआ है. वह पूरे डिटेल्स में एक के बाद एक सीन बता दें रहे थे और फिर वह बोलते बोलते ही रो पड़े. इसके बाद से उन्हें लोग हनुमान जी का अवतार मानने लगे.
नीम करोली बाबा का फिलॉसफी बहुत ही इनफ्लुएंशल था जिसके वजह से स्टीव जॉब्स जैसे कई सारे लोगों की जिंदगी उनसे मिलने के बाद पूरी तरीके से बदल गई थी. वह अपने हर शिष्यों को हमेशा राम का नाम जपने को कहते थे और कहते थे कि इससे उनके जिंदगी में बदलाव आएगा. उनके पूरे लाइफटाइम में उन्होंने दो आश्रम बनाया. एक वृंदावन में और दूसरा कैंची धाम और 11 सितंबर 1973 में आफ्टर एक्सपीरियंस डायबिटिक के करण लगभग रात के 1:00 के करीब उनका देहांत हो गया. नीम करोली बाबा के फिलॉसफी के हिसाब से दूसरों की सेवा करना ही है और दूसरों के अच्छा करने और सोचने पर ही हमारी जिंदगी में भी अच्छी चीज होना शुरू होती है.
आपका नीम करोली बाबा के बारे में क्या विचार है, कमेन्ट मे माध्यम से जरूर बताए.
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