Farmers Protest 2024 | किसान आंदोलन 2.0 फिर से शुरू, जानें क्या हैं किसानों की मांगे ? | Kisan Andolan | Breaking News
किसानों ने एक बार फिर दिल्ली गहराव की तैयारी कर ली है. पंजाब, हरियाणा के साथ ही कई और राज्यों के किसान दिल्ली कुच की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि, किसानों ने इसे चलो दिल्ली मार्च (Chalo Delhi March) का नाम दिया है लेकिन इसे किसान आंदोलन 2.0 भी कहा जा रहा है.
दरअसल इसके साथ आंदोलन का पैटर्न 2020-21 में हुए किसान आंदोलन से काफी मिलता जुलता है. पिछली बार की तरह ही अलग-अलग राज्यों से किसान इस आंदोलन में शामिल होने वाले हैं. इस बार किसान अपने साथ ट्रैक्टर, ट्राली और राशन भी लेकर आने वाले हैं. यानी पिछले बार की तरह इस बार किसानों का प्लान लंबे समय तक दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर धरना देने का है.
हालांकि, इस आंदोलन को पिछली बार की तरह सभी किसान संगठनों का समर्थन प्राप्त नहीं है. यह किसान आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चे के बैनर पर नहीं हो रहा है. इसे अलग-अलग किसान संगठन मिलकर आयोजित कर रहे हैं. किसानों की मांगों को लेकर सरकार के साथ कई बैठक हो चुकी हैं, लेकिन फाइनल सहमति नहीं बन पा रही है.
Farmers Protest 2024: किन मांगों को लेकर किसान संगठन बार-बार आंदोलन कर रहे है?
आपको बताते हैं कि किन मांगों को लेकर किसान संगठन बार-बार आंदोलन कर रहा है.
- किसान की सबसे खास मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानून बनाना है.
- किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू करने की मांग भी कर रहे हैं.
- आंदोलन में शामिल किसान कृषि ऋण माफ करने की मांग भी कर रहे हैं.
- इसी के साथ किसान लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं.
- भारत को वोट से बाहर निकल जाए ऐसी मांग की जा रही है. कृषि वस्तुओं, दूध, उत्पादन, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाया जाए.
किसान और 58 साल से अधिक आयु के कृषि मजदूरों के लिए पेंशन योजना लागू करके ₹10000 प्रति माह पेंशन दी जाए. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार के लिए सरकार की ओर से स्वयं बीमा प्रीमियम का भुगतान करना सभी फसलों को योजना का हिस्सा बनना और नुकसान का आकलन करते समय खेत एकड़ को एक इकाई के रूप में मानकर नुकसान का आकलन करना है.
भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को इस तरीके से लागू किया जाना चाहिए और भूमि अधिग्रहण के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को दिए गए निर्देशों को रद्द किया जाना चाहिए. कीटनाशक बीज अधिनियम में संशोधन करके कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार किया जाए.
किसानों के दिल्ली गहरा को रोकने के लिए हरियाणा और पंजाब से लगने वाले सिंधु बॉर्डर पर कटीले तार लगा दिए गए हैं. सड़कों पर सीमेंट के बैरिकेट्स हुए हैं. दिल्ली में गाजीपुर टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस द्वारा तैयारी कर ली गई है ताकि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका जा सके.
आगे क्या होता है, जानने के लिए हमारी वेबसाईट पर दोबारा आए.
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